मध्यप्रदेश की ख़ास बातें
- 308,000 किमी तक फैला मध्यप्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है।
- प्राकृतिक संसाधनों से भरे-पूरे मध्यप्रदेश में खनिज, ईंधन, जैविक संपदा की कोई कमी नहीं है।
- मध्यप्रदेश की 31 फ़ीसदी ज़मीन ऐसी बेशकीमती और दुर्लभ जड़ी-बूटी संबंधी औषधियां वनपस्तियों से लैस हैं, जिनका अभी तक पूरी तरह से दोहन नहीं हुआ है।
- बड़ी मात्रा में सोयाबीन, अरहर, चना, लहसून की पैदावार।
- भारत में सीमेंट का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य।
- इस राज्य में कोयला बेड मेथेन के 144 बीसीएम से ज़्यादा का रिज़र्व है।
- निवेशकों के लिए उत्तम और शांत माहौल।
- अच्छी व्यावसायिक शिक्षा का केन्द्र।
- कुशल और तकनीकी व्यावसायिक मानव-शक्ति उपलब्ध।
- देश का प्राकृतिक लॉजिस्टिक केन्द्र।
- कृषि जलवायु संबंधी 11 ज़ोन।
- उपयुक्त लोकेशन।
- ज़मीन की कम लागत।
- सैलानियों की पसंदीदा जगह।
- उत्साहजनक औद्योगिक आधार।
- समृद्ध संस्कृति।
मध्यप्रदेश की ताकत
मध्यप्रदेश दूसरा सबसे बड़ा भारतीय राज्य है, जो देश के 9.5 फ़ीसदी हिस्से तक फैला हुआ है। भौगोलिक दृष्टि से यह देश में केन्द्रीय स्थान रखता है। कुदरती संसाधनों से भरपूर इस राज्य में खेती के लिए उपजाऊ ज़मीन और अनुकूल मौसम है।
हाल के वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी बदलाव आए हैं। औद्योगिक क्षेत्र में निवेश की दिशा और दशा अब सरकार के अलावा खुले बाज़ार तय करने लगे हैं। मध्यप्रदेश में निवेशकों के पास प्रोजेक्ट लोकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंसेंटिव और अन्य सुविधाओं के रूप में बेहतर विकल्प मौजूद हैं। राज्य के औद्योगीकरण के लिए राज्य सरकार ने कारोबार को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों को अपनाया है।
मध्यप्रदेश में उद्योग को प्राकृतिक संसाधनों से बल मिलता है। चूना पत्थर, सोया, सूत, कच्चा लोहा आदि के रूप में इस राज्य को भारी मात्रा में प्रकृति का वरदान मिला है। कपड़ा, सीमेंट, स्टील, सोया प्रोसेसिंग, ऑप्टिकल फाइबर के क्षेत्रों में यहां उद्योगों को मजबूत आधार मिला हुआ है। भेल, नेशनल फर्टिलाइजर लि., सिक्युरिटी पेपर मिल, होशंगाबाद, करेंसी प्रिटिंग प्रेस, देवास, अल्कालॉयड, ऑर्डनेंस फैक्ट्री, गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर, नेपा मिल्स जैसी कई बड़ी सरकारी कंपनियां इसी राज्य में हैं।
किसी भी राज्य के विकास में कनेक्टीविटी की अहम भूमिका होती है और कनेक्टीविटी इस राज्य की ताकत है। देश के कई बड़े शहरों और बाज़ारों से मध्यप्रदेश जुड़ा हुआ है। प्राकृतिक संसाधनों के साथ-साथ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, शानदार जीवनशैली, मजबूत औद्योगिक आधार, शांति प्रिय जनता और निवेशकों को अपनी ओर खींचती सरकार मध्यप्रदेश की खासियत है।
उपयुक्त स्थान
जंगलों और खनिजों से भरे-पूरे मध्यप्रदेश में कई किस्म के जानवर और बहुत-सी नदियां हैं। यही खास बात पर्यटन के लिए भी इसे एक शानदार जगह बनाती है।
- रोजाना 425 ट्रेनें मध्यप्रदेश से होकर चलती हैं, जिनमें से राज्य की राजधानी भोपाल से ही 220 ट्रेनें गुअरती हैं।
- 4885 किमी का नेशनल हाईवे।
- 6 नेशनल हाईवे, साथ में दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-चेन्नई, दिल्ली-बैंगलोर, दिल्ली-हैदराबाद के ट्रक रूट्स भी इस राज्य से होकर गुज़रते हैं।
- 9885 किमी तक फैले स्टेट हाईवे, जो शहर और पर्यटन केन्द्रों को जोड़ते हैं।
- भोपाल और इंदौर से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, रायपुर जैसे प्रमुख शहर हवाई मार्गों के ज़रिए जुड़े हुए हैं।
- भोपाल, इंदौर, खजुराहो और ग्वालियर जैसे शहरों से हवाई मार्ग के ज़रिए जुड़ा है।
- कान्दला पोर्ट, जवाहर नेहरू पोर्ट ट्रस्ट आदि के लिए आसान, सुलभ रास्ते से मध्यप्रदेश जुड़ा हुआ है।
प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर
- मध्यप्रदेश में 11 अलग-अलग कृषि-जलवायु ज़ोन हैं।
- भारी मात्रा में कच्चा लोहा, हीरे, कच्चा तांबा, कच्चा मैग्नेशियम, चूना पत्थर, कोयला, संगमरमर, ग्रेनाइट जैसे खनिज।
- भारत की वन-भूमि का 12.4% हिस्सा मध्यप्रदेश में है।
- कोयला, कोल-बेड मेथेन जैसे दुर्लभ ईंधन भी यहां उपलब्ध हैं।
- भारत के कोल-रिजर्व का 7.7% हिस्सा मध्यप्रदेश में है।
- सीधी जिले में कोयले की घनी परत है, जो एशिया में सबसे घनी है।
- भारत में हीरे की इकलौती सक्रिय खदान मध्यप्रदेश में है।
- 144 बीसीएम के कोल-बेड मेथेन के भंडार खोजे जा चुके हैं।
- यहां ऊर्जा, सीमेंट, लोहे और स्टील यूनिटों के खदानों के ब्लॉक मौजूद होने की भी उम्मीदें नजर आई हैं।
- निर्माण के लिए ज़रूरी चूना पत्थर के बड़े भंडार।
- लोहे और स्टील के अहम घटक मैंगनीज़, डोलोमाइट यहां मिलते हैं।
- संगमरमर, ग्रेनाइट, फ्लैग्स्टोन जैसे बेशकीमती पत्थरों की यहां कई किस्में उपलब्ध हैं।
खेती के लिए खास है मध्यप्रदेश
- भारत में तिलहन और दालों का सबसे बड़ा उत्पादक केंद्र मध्यप्रदेश है।
- देश में दालों की कुल पैदावार का 25.3 फ़ीसदी, चने का 36 फ़ीसदी हिस्सा मध्यप्रदेश से आता है।
- गेहूं, आलू की कई उम्दा किस्में।
- लहसून, हरा धनिया का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश है।
- निवेश के लिए 50 से 3000 एकड़ ज़मीन उपलब्ध।
- निवेशकों के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने नॉन फॉरेस्ट वेस्ट लैंड के आवंटन की नीति तैयार की है।
- यहां कॉण्ट्रेक्ट फार्मिंग की इजाज़त है। APMC एक्ट में बदलाव लाए गए हैं।
प्राकृतिक रूप से समृद्ध राज्य
भारत की वन-भूमि का 12.4% हिस्सा मध्यप्रदेश में है। यह जैविक विविधताओं से भरा-पूरा राज्य है। राज्य का क्षेत्रफल 308,252 किमी है, जो कि देश की ज़मीन का 9.38 हिस्सा है। राज्य की वन-भूमि का क्षेत्रफल 95221 किमी है, जो कि राज्य के क्षेत्रफल का 31 फ़ीसदी है।
- राज्य का 31 फ़ीसदी भाग जंगलों से ढंका है।
- 25 ग्लोबल एग्रो-क्लाइमेटिक जोन में से 11 मध्यप्रदेश में।
- भारी मात्रा में दुर्लभ, बेशकीमती औषधीय-हर्बल वनपस्तियां।
खास शहर, खास बातें
- इंदौर : फार्मास्यूटिकल, टेक्स्टाइल, फूड प्रोसेसिंग, आईटी, ऑटो कम्पोनेंट
- भोपाल : इंजीनियरिंग, टेक्स्टाइल, बायोटेक, हर्बल, फूड प्रोसेसिंग, आईटी
- जबलपुर : कपड़ा, खनिज, पत्थर, जंगल, हर्बल, फूड प्रोसेसिंग
- ग्वालियर : इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, एफएमसीजी, पत्थर, फूड प्रोसेसिंग, इंजीनियरिंग
- रीवा : खनिज, सीमेंट, जंगल
- सागर : मिनरल प्रोसेसिंग, पत्थर
Created: 06-May-2024 11:37 AM
Last Update: 2024-05-06 11:37 AM