मध्यप्रदेश गान
सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है, माँ की गोद, पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है।   विंध्याचल सा भाल नर्मदा का जल जिसके पास है, यहां ज्ञान विज्ञान कला का लिखा गया इतिहास है। उर्वर भूमि, सघन वन, रत्न, सम्पदा जहां अशेष है, स्वर-सौरभ-सुषमा से मंडित मेरा मध्यप्रदेश है।   सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है, माँ की गोद, पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है।   चंबल की कल-कल से गुंजित कथा तान, बलिदान की, खजुराहो में कथा कला की, चित्रकूट में राम की। भीमबैठका आदिकला का पत्थर पर अभिषेक है, अमृत कुंड अमरकंटक में, ऐसा मध्यप्रदेश है।   क्षिप्रा में अमृत घट छलका मिला कृष्ण को ज्ञान यहां, महाकाल को तिलक लगाने मिला हमें वरदान यहां, कविता, न्याय, वीरता, गायन, सब कुछ यहां विषेश है, ह्रदय देश का है यह, मैं इसका, मेरा मध्यप्रदेश है।   सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है, माँ की गोद, पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है।
Created: 06-May-2024 11:37 AM
Last Update: 2024-05-06 11:37 AM
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